माइक्रोसॉफ्ट ने भारत में अपने अब तक के सबसे बड़े निवेश की घोषणा करते हुए कहा है कि वह वर्ष 2026 से 2029 के बीच 17.5 अरब डॉलर का निवेश करेगा। यह निवेश देश की क्लाउड और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) इंफ्रास्ट्रक्चर, स्किलिंग और संचालन क्षमताओं को मजबूत करने पर केंद्रित होगा।
कंपनी के चेयरमैन और सीईओ सत्य नडेला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुलाकात के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, “भारत की AI अवसरों पर प्रेरक चर्चा के लिए PM @narendramodi जी का धन्यवाद। भारत के AI-फर्स्ट भविष्य को सक्षम बनाने के लिए माइक्रोसॉफ्ट एशिया में अब तक का अपना सबसे बड़ा—17.5 अरब डॉलर—का निवेश कर रहा है।”
यह निवेश जनवरी 2025 में घोषित 3 अरब डॉलर की प्रतिबद्धता के ऊपर है, जिसे कंपनी CY 2026 तक पूरा खर्च करने की राह पर है। माइक्रोसॉफ्ट का नया डेटा सेंटर 2026 के मध्य तक लाइव हो जाएगा, जिसके साथ भारत कंपनी का सबसे बड़ा हाइपरस्केल हब बन जाएगा।
जैसे-जैसे तकनीक आर्थिक परिवर्तन और समावेशी विकास की बड़ी शक्ति बन रही है, भारत एक उभरती हुई AI फ्रंटियर नेशन के रूप में तेजी से आगे बढ़ रहा है। माइक्रोसॉफ्ट ने भारत में अपनी स्किलिंग प्रतिबद्धता को भी दोगुना करते हुए 2030 तक 2 करोड़ लोगों को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य रखा है।
सत्य नडेला की भारत AI यात्रा से पहले हुई PM मोदी से मुलाकात में देश की AI रोडमैप और विकास प्राथमिकताओं पर चर्चा हुई। माइक्रोसॉफ्ट का यह निवेश तीन प्रमुख स्तंभों—स्केल, स्किल्स और सॉवरेनिटी—पर आधारित है।
माइक्रोसॉफ्ट इंडिया और साउथ एशिया के प्रेसिडेंट पुनीत चंदोक ने कहा, “भारत की प्रगति में हम तीन दशकों से साझेदार रहे हैं। जैसे ही देश आत्मविश्वास के साथ AI-फर्स्ट भविष्य की ओर बढ़ रहा है, हम हर भारतीय के सपनों को सशक्त बनाने वाले इंफ्रास्ट्रक्चर, नवाचार और अवसरों को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
17.5 अरब डॉलर का नया निवेश, जनवरी में घोषित 3 अरब डॉलर की योजना और भारत के टेक इकोसिस्टम के साथ गहरी साझेदारी मिलकर देश के AI विज़न को वास्तविक प्रभाव में बदलने का लक्ष्य रखती है। चंदोक ने कहा, “यह परिवर्तन तीन स्तंभों पर आधारित है—AI को बड़े पैमाने पर चलाने के लिए हाइपरस्केल इंफ्रास्ट्रक्चर, भरोसेमंद सॉवरेन-रेडी समाधान और स्किलिंग कार्यक्रम जो हर भारतीय को भविष्य गढ़ने में सक्षम बनाएंगे।”