अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने Nvidia को चीन को अधिक उन्नत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस चिप H200 निर्यात करने की अनुमति दे दी है, जिससे बीजिंग की तकनीकी क्षमता को बड़ा बढ़ावा मिलेगा। हालांकि, यह मंजूरी कड़े शर्तों के साथ दी गई है और इसमें Nvidia के और भी उन्नत Blackwell और Rubin चिप शामिल नहीं हैं।
पिछले कई वर्षों में अमेरिका ने चीन की उन्नत सेमीकंडक्टर तकनीक तक पहुंच पर लगातार प्रतिबंध लगाए हैं। इसके बावजूद, ऊर्जा आपूर्ति, इंजीनियरिंग और कई अन्य क्षेत्रों में चीन पहले से ही अमेरिका पर बढ़त बनाए हुए है।
ट्रंप ने Truth Social पर पोस्ट कर बताया कि Nvidia को चीन और अन्य देशों के "मंजूरशुदा ग्राहकों" को H200 चिप भेजने की अनुमति दी जा रही है, लेकिन इसके बदले अमेरिका को 25% हिस्सा मिलेगा—जो पहले गर्मियों में तय 15% से अधिक है।
अमेरिकी प्रतिबंधों के चलते चीन ने विदेशी तकनीक पर निर्भरता कम करने का प्रयास तेज कर दिया है। इसी दिशा में उसने कम लागत में विकसित AI मॉडल DeepSeek लॉन्च किया, जिसने वैश्विक टेक जगत को चौंका दिया।
एनवीडिया एच200 जीपीयू (NVIDIA H200 GPU) जनरेटिव AI और हाई-परफॉर्मेंस कंप्यूटिंग (HPC) को तेज़ करने के लिए अपनी श्रेणी में क्रांतिकारी परफॉर्मेंस और मेमोरी क्षमताएँ प्रदान करता है।
विशेषज्ञ इस फैसले को अमेरिका के लिए नुकसानदेह बता रहे हैं। नीति विश्लेषक मैकग्वायर ने X पर लिखा, “यह अमेरिकी नीति में बड़ा बदलाव है और एक गंभीर रणनीतिक गलती है। यदि अमेरिका चीन को ऐसी AI चिप बेचता है जो सिर्फ 18 महीने पुरानी हैं, तो वह चीन पर अपनी सबसे बड़ी बढ़त को कमजोर कर रहा है। यह नीति चीन के लिए फायदेमंद है, अमेरिका के लिए नहीं।”
उन्होंने आगे कहा, “यह चीन के प्रति एक बड़ा रियायत भरा कदम है, जो अब तक की सबसे महत्वपूर्ण तकनीकी सुरक्षा नीति को पलट देता है। अगर स्थिति उलटी होती, तो चीन कभी अमेरिका को ऐसी चिप्स नहीं देता—और यदि देता भी, तो मुफ्त में नहीं देता।”