ऑटो कंपोनेंट निर्माता मिंडा कॉर्प (Minda Corporation) ने अगले पांच साल में 2,000 करोड़ रुपये के पूंजीगत निवेश (Capex) की योजना बनाई है। कंपनी का उद्देश्य इस दशक के अंत तक अपने कारोबार में बड़ा विस्तार करना है। यह निवेश मुख्य रूप से पैसेंजर व्हीकल बिजनेस, प्रीमियमाइजेशन, इलेक्ट्रिफिकेशन और एक्सपोर्ट को मजबूत करने में लगाया जाएगा। कंपनी का लक्ष्य अगले कुछ वर्षों में 20–25% सालाना ग्रोथ रेट (CAGR) हासिल करना है।
मिंडा कॉर्प दो नए ग्रीनफील्ड डाई-कास्टिंग प्लांट्स और एक इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर फैक्ट्री स्थापित करेगी। इन निवेशों का मकसद सभी सेगमेंट में मैन्युफैक्चरिंग क्षमता को बढ़ाना है। कंपनी ऑटोमोबाइल और ईवी के लिए ऑन-बोर्ड चार्जर, डीसी-डीसी कन्वर्टर, हाई-वोल्टेज कनेक्टर, ईवी कंट्रोलर, बैटरी मैनेजमेंट सिस्टम, वायरिंग हार्नेस, सेंसर और कंट्रोल यूनिट जैसे कई उत्पाद बनाती है।
कंपनी ने कहा है कि वह वित्त वर्ष 2025 में 5,056 करोड़ रुपये के राजस्व से बढ़कर वित्त वर्ष 2030 तक 17,500 करोड़ रुपये का टर्नओवर हासिल करने की योजना बना रही है। इसके साथ ही मिंडा कॉर्प अपना EBITDA मार्जिन 11.4% से बढ़ाकर 12.5% तक पहुंचाना चाहती है।
कंपनी की नई जॉइंट वेंचर्स जैसे सनरूफ, पावर्ड लिफ्टगेट्स, स्विचेस और हाई-वोल्टेज ईवी कनेक्टर सिस्टम से आने वाले सालों में लगभग 1,450 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आय होने की उम्मीद है।
एक्सपोर्ट सेगमेंट भी मिंडा कॉर्प की ग्रोथ का अहम हिस्सा रहेगा। वित्त वर्ष 2021 से 2025 के बीच कंपनी का निर्यात राजस्व 18% CAGR की दर से बढ़कर 420 करोड़ रुपये तक पहुंचा। अब कंपनी का लक्ष्य अगले पांच वर्षों में 37% CAGR की दर से इसे 1,500 करोड़ रुपये तक पहुंचाने का है, जिससे 2030 तक कुल राजस्व में एक्सपोर्ट की हिस्सेदारी लगभग 9% हो जाएगी।