टाटा समूह की बैटरी निर्माण कंपनी अग्रतास (Agratas) ने गुजरात के सानंद में अपने बैटरी उत्पादन केंद्र के निर्माण में महत्वपूर्ण प्रगति की घोषणा की है। निर्माण स्थल पर स्ट्रक्चरल स्टील फ्रेमवर्क लगभग पूरा हो चुका है। 320 एकड़ में फैले इस केंद्र का उद्देश्य भारत की साफ ऊर्जा (Clean Energy) क्षमता को मजबूत करना है। इसकी पहली चरण की वार्षिक उत्पादन क्षमता 20 गीगावाट-घंटे (GWh) निर्धारित की गई है।
वर्तमान में निर्माण स्थल पर 2,000 से अधिक निर्माण श्रमिक और 700 से ज्यादा वेंडर ऑर्गेनाइजेशन के कर्मचारी सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं। यह कदम भारत में उन्नत बैटरी सेल निर्माण क्षमता को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
अग्रतास (Agratas) के सप्लाई चेन के उपाध्यक्ष आनंद सोढ़ा ने परियोजना की गति पर जोर देते हुए कहा कि यह केंद्र देश के सबसे आधुनिक निर्माण संयंत्रों में से एक बनने का लक्ष्य रखता है।
निर्माण कार्य में दो टाटा समूह की कंपनियाँ सहयोग कर रही हैं: Tata Projects Limited और Tata Consulting Engineers। टाटा प्रोजेक्ट्स के राहुल शर्मा ने कहा कि कंपनी बड़े पैमाने पर निर्माण कार्य के साथ-साथ सस्टेनेबल निर्माण प्रथाओं पर भी ध्यान दे रही है।
भौतिक निर्माण के अलावा, अग्रतास इंटीग्रेटेड सप्लाई चेन सिस्टम विकसित कर रही है, जो आयात, निर्यात और घरेलू लॉजिस्टिक्स की रीयल-टाइम दृश्यता प्रदान करेगा। कंपनी स्वचालित संचालन (Automated Operations) और वैश्विक मानकों के अनुरूप सतत परिवहन समाधान लागू करने की योजना भी बना रही है।
अग्रतास (Agratas), टाटा समूह के वैश्विक बैटरी व्यवसाय का हिस्सा है। सानंद केंद्र के अलावा, कंपनी ब्रिजवाटर, यूनाइटेड किंगडम में भी एक निर्माण संयंत्र स्थापित कर रही है। दोनों केंद्र मॉबिलिटी और ऊर्जा भंडारण (Energy Storage) क्षेत्र के ग्राहकों को सेवा देंगे।
सानंद परियोजना भारत की साफ ऊर्जा संक्रमण रणनीति का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य इलेक्ट्रिक वाहन बैटरियों और ग्रिड ऊर्जा भंडारण प्रणालियों के लिए घरेलू उत्पादन क्षमता स्थापित करना है।