भारत के ऑटो सेक्टर में तेज़ बदलाव, ईवी बिक्री ने पकड़ी रफ्तार

भारत के ऑटो सेक्टर में तेज़ बदलाव, ईवी बिक्री ने पकड़ी रफ्तार

भारत के ऑटो सेक्टर में तेज़ बदलाव, ईवी बिक्री ने पकड़ी रफ्तार
भारत का इलेक्ट्रिक वाहन बाज़ार सरकारी प्रोत्साहनों, बढ़ते मॉडलों और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के विस्तार के साथ तेज़ी से बढ़ रहा है। प्रीमियम व शहरी सेगमेंट ईवी अपनाने में आगे हैं, जबकि केरल, दिल्ली और महाराष्ट्र जैसे राज्य राष्ट्रीय वृद्धि को गति दे रहे ह

भारत का ऑटोमोबाइल सेक्टर इस समय संरचनात्मक बदलावों से गुजर रहा है। इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) सेगमेंट में तेज़ी से बढ़ती मांग, सरकारी प्रोत्साहन और निवेश माहौल में सुधार ने उद्योग की दिशा बदल दी है। पीएम ई-ड्राइव स्कीम, पीएलआई योजना, कम जीएसटी दरें और राज्यों के खरीद प्रोत्साहन ने ईवी इकोसिस्टम की मजबूती में बड़ी भूमिका निभाई है।

अप्रैल–अक्टूबर FY2026 के दौरान पैसेंजर व्हीकल (PV) बाजार में 1.3% की थोक वृद्धि दर्ज की गई, जबकि खुदरा बिक्री 5.8% बढ़ी। यह दर्शाता है कि उपभोक्ता मांग सप्लाई से अधिक तेज़ी से बढ़ रही है। जीएसटी दरों में कटौती से किफायती कारों की खरीद बढ़ी है और पहली बार वाहन खरीदने वालों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है।

ईवी सेगमेंट में रिकॉर्ड उछाल

उसी अवधि में इलेक्ट्रिक पैसेंजर वाहनों के रजिस्ट्रेशन 108% बढ़े, जिससे ईवी पैठ दर 1.9% से बढ़कर 3.8% हो गई। डेलॉइट इंडिया के ऑटो सेक्टर ट्रैकर 'व्हीलवॉच' के अनुसार, यह वृद्धि उस समय हो रही है जब ग्रामीण बाजारों में असमान रिकवरी और शहरी क्षेत्रों में सेवाओं-आधारित खपत का चक्र देखने को मिल रहा है। एंट्री-लेवल सेगमेंट दबाव में है, जबकि प्रीमियम, हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक वाहन शहरी भारत में मजबूत गति पकड़ रहे हैं।

भारत में कुल ईवी पैठ 7.9% के आसपास है, जिसमें लगभग 90% रजिस्ट्रेशन ई-टू-व्हीलर (E2W) और ई-थ्री-व्हीलर (E3W) के हैं। दोपहिया बाज़ार आय वर्ग और क्षेत्र के आधार पर बंटता दिख रहा है — ग्रामीण मांग कमजोर, जबकि शहरी प्रीमियम सेगमेंट मजबूत बना हुआ है।

डेलॉइट इंडिया के ऑटोमोटिव सेक्टर लीडर रजत माहाजन ने कहा, "प्रोत्साहनों ने स्थानीय विनिर्माण को बढ़ावा दिया है जिससे कीमतें कम हुई हैं। बेहतर चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर, किफायती ईवी मॉडलों की उपलब्धता और कम ऑपरेटिंग लागत ने ईवी अपनाने को मुख्यधारा में ला दिया है।"

राज्यों में ईवी पैठ का अलग-अलग परिदृश्य

अप्रैल–अक्टूबर FY2026 में केरल 8.4% ईवी पैठ के साथ देश में शीर्ष पर रहा। शहरी मांग, उपभोक्ता जागरूकता, पर्याप्त चार्जिंग इकोसिस्टम और व्यक्तिगत घरों में आसान चार्जिंग के कारण यह बढ़त संभव हुई। दिल्ली, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, ओडिशा और पश्चिम बंगाल (4% से अधिक पैठ) इस वृद्धि को आगे बढ़ा रहे हैं।

राज्यों में ईवी अपनाने की गति नीति प्रोत्साहन, चार्जिंग स्टेशन विस्तार, आय स्तर और उपभोक्ता व्यवहार पर निर्भर करती है। महाराष्ट्र, दिल्ली और गुजरात जैसे राज्यों में खरीद सब्सिडी का बड़ा प्रभाव देखा गया है।

माहाजन के अनुसार, "जहां प्रोत्साहन अधिक थे, वहां ईवी रजिस्ट्रेशन 14 गुना बढ़े। जिन राज्यों में प्रति व्यक्ति खपत अधिक है, वहां E2W और E4W का अपनाना तेज़ है।"

ईवी पैसेंजर व्हीकल बाजार में नए कीर्तिमान

जनवरी–नवंबर 2025 के दौरान इलेक्ट्रिक पैसेंजर वाहन सेगमेंट ने 1,60,740 यूनिट का रिकॉर्ड बिक्री स्तर छुआ। टाटा मोटर्स इस सेगमेंट में नेतृत्व कर रही है, उसके बाद JSW MG Motor और महिंद्रा एंड महिंद्रा का स्थान है।

महिंद्रा वित्त वर्ष के अंत तक प्रति माह 7,000 ईवी बेचने का लक्ष्य रखती है और 2027–28 तक अपनी एसयूवी पोर्टफोलियो में 20–25% योगदान ईवी से आने की उम्मीद कर रही है।

अनुराग सिंह, एडवाइजर, प्राइमस पार्टनर्स के अनुसार, "ईवी बाजार का बड़ा हिस्सा अब फैमिली कार सेगमेंट चला रहा है। 15–30 लाख रुपये की कीमत में ईवी की कमी थी, पर अब नए मॉडलों के कारण मांग तेज़ी से बढ़ रही है—जैसे टाटा की नेक्सॉन, हैरियर, महिंद्रा BE6 और JSW MG की विंडसर।"

निष्कर्ष

भारत का ईवी और ऑटोमोबाइल उद्योग तेजी से संक्रमण के दौर में है—जहां परंपरागत मांग दबाव में है, वहीं प्रीमियम और इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर खपत में स्पष्ट शिफ्ट देखने को मिल रहा है। सरकारी नीतियों, स्थानीय विनिर्माण, बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर और बदलती उपभोक्ता प्राथमिकताओं ने भारत को वैश्विक ईवी परिदृश्य में उभरते नेता के रूप में स्थापित कर दिया है।

 

 

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