वराह और केलानोवा ने महाराष्ट्र में पांच वर्षीय इनसेटिंग पहल शुरू की है, जिसका उद्देश्य 5,000 छोटे किसानों को सहायता प्रदान करना तथा 12,500 एकड़ मक्का कृषि भूमि में पुनर्योजी पद्धतियों को लागू करना है। इस कार्यक्रम से केलानोवा की आपूर्ति श्रृंखला से लगभग 100,000 टन CO₂e को हटाने और कम करने की उम्मीद है, जिससे यह भारत के मक्का क्षेत्र में जलवायु केंद्रित हस्तक्षेप बन जाएगा।
यह सहयोग केलानोवा की वैश्विक स्थिरता प्रतिबद्धताओं की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, क्योंकि भारत इसके पुनर्योजी स्रोत लक्ष्यों के लिए एक प्रमुख बाजार के रूप में उभर रहा है। यह पहल किसानों को जलवायु-अनुकूल तरीके अपनाने में मदद करेगी जिससे मिट्टी की क्वॉलिटी में सुधार होगा, उर्वरकों पर निर्भरता कम होगी और पैदावार बढ़ेगी।
इस कार्यक्रम का मूल उद्देश्य इन-सीटू अवशेष प्रबंधन, रेज्ड बेड प्लांटिंग, कवर क्रॉपिंग और बेहतर नाइट्रोजन दक्षता जैसी पद्धतियां हैं।
वराह अपने उद्देश्य पर प्रकाश डालती हुई कहती है कि “ हमारा मानना है कि एक अच्छा व्यवसाय चलाने की कुंजी हमारे समुदायों, ग्रह और लोगों के लिए अच्छा करना है। केलानोवा को बेटर डेज प्रॉमिस™ की सामाजिक और पर्यावरणीय उद्देश्य रणनीति को जारी रखने पर गर्व है। वराह के साथ हमारा कार्यक्रम यह साबित करता है कि जलवायु परिवर्तन पर कार्रवाई और किसानों की समृद्धि साथ-साथ चल सकती है"
केलानोवा में AMEA सप्लाई चेन के वाइस प्रेसिडेंट शॉघन कैनेडी ने कहा "आज उपभोक्ता उम्मीद करते हैं कि उनके द्वारा खाया जाने वाला भोजन जिम्मेदारी से प्राप्त किया गया हो, और यह कार्यक्रम एक ऐसा आदर्श स्थापित करता है जिसका उद्योग जगत के अन्य लोग अनुसरण कर सकते हैं।"
यह परियोजना ग्रीनहाउस गैस प्रोटोकॉल और अग्रणी कार्बन मानकों का पालन करेगी। वराह के डिजिटल निगरानी उपकरण हर एकड़ में वैज्ञानिक सटीकता के साथ जलवायु प्रभाव पर नज़र रखेंगे। इस कार्यक्रम में खाद्य सुरक्षा में सुधार पर भी काम शामिल है। यह वैज्ञानिक भागीदारों को शामिल करके और खेत स्तर पर बेहतर प्रबंधन को बढ़ावा देकर मक्के में एफ्लाटॉक्सिन संदूषण की समस्या का समाधान करेगा।
वराह के, को-फाउंडर और सीईओ मधुर जैन ने कहा "इस परियोजना के साथ हम मापनीय जलवायु और आजीविका प्रभाव प्रदान करने के लिए मजबूत विज्ञान, अत्याधुनिक डिजिटल उपकरणों और गहन किसान जुड़ाव को जोड़ रहे हैं।"
बहु-हितधारक मॉडल पर आधारित यह पहल किसानों, किसान उत्पादक संगठनों, स्थानीय समूहों और वैज्ञानिक संस्थानों को एक साथ लाती है। इस कार्यक्रम के माध्यम से केलानोवा का लक्ष्य अपने स्कोप 3 उत्सर्जन लक्ष्यों को आगे बढ़ाना और यह प्रदर्शित करना है कि बड़े पैमाने पर पुनर्योजी कृषि वैश्विक खाद्य उद्योग के लिए साध्य और आवश्यक दोनों है।
मधुर जैन, अंकिता गर्ग और विशाल कुचनूर द्वारा 2022 में स्थापित वराह, गुरुग्राम स्थित एक कार्बन रिमूवल डेवलपर है जो स्केलेबल, विज्ञान-संचालित जलवायु समाधान तैयार करता है। पुनर्योजी कृषि, वनीकरण, बायोचार और उन्नत रॉक अपक्षय के क्षेत्र में काम करते हुए यह किसानों की आजीविका और जैव विविधता में सुधार करता है।