भारत की रिटेल क्रांति महानगरों से आगे बढ़ रही है, और छोटे शहर तेजी से देश के रिटेल रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए शक्तिशाली विकास इंजन के रूप में उभर रहे हैं। वहीं "महानगरों से आगे भारत के छोटे शहर तेजी से महत्वपूर्ण रिटेल बाजार बन रहे हैं। (नंदिनी तनेजा, एंटरप्राइजेज की सीईओ।)
कुशमैन एंड वेकफील्ड के 2025 के तीसरी तिमाही के रिटेल मार्केट बीट के अनुसार इस साल टियर II और टियर III शहरों में लीजिंग वॉल्यूम में तेजी से वृद्धि हुई है, जो रिटेल विक्रेताओं के मजबूत आत्मविश्वास और बदलते उपभोक्ता व्यवहार का संकेत है।
कोलियर्स-सीआईआई की रिपोर्ट के अनुसार "रियल एस्टेट @ 2047: भारत के भविष्य के विकास गलियारों का निर्माण भी इस बदलाव का समर्थन करती है। इसमें अनुमान लगाया गया है कि भारत का रियल एस्टेट बाजार 2047 तक 10 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच सकता है और भविष्य में रिटेल विकास का एक बड़ा हिस्सा इन छोटे शहरों में होने की उम्मीद है।
बढ़ती आय, बेहतर बुनियादी ढांचा और बढ़ी हुई ब्रांड पहुंच का संयोजन इस विस्तार को गति दे रहा है। इन शहरों में उपभोक्ता अनुभवों और जीवनशैली पर अधिक खर्च कर रहे हैं, जिसके कारण ऐसे रिटेल प्रारूप सामने आ रहे हैं जो खरीदारी को मनोरंजन और भोजन के साथ मिलाते हैं।
मुख्य बिंदु :
-भारत की खुदरा क्रांति: द्वितीय और तृतीय श्रेणी के शहर कैसे विकास को गति दे रहे हैं।
-फैशन, खाद्य और पेय क्षेत्र उभरते रिटेल बाजारों में पट्टे पर देने में अग्रणी हैं।
-बढ़ती उपभोक्ता आकांक्षाएं असंगठित से आधुनिक रिटेल स्थानों की ओर बदलाव ला रही हैं
-बेहतर बुनियादी ढांचे और कनेक्टिविटी से छोटे शहरों में रिटेल विस्तार को बढ़ावा मिलेगा
-भारत का रियल एस्टेट बाजार 2047 तक 10 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने का अनुमान
भूमिका एंटरप्राइजेज की सीईओ नंदिनी तनेजा कहती हैं कि "महानगरों से आगे बढ़कर भारत के छोटे शहर तेजी से महत्वपूर्ण रिटेल बाजार बनते जा रहे हैं। टियर II और टियर III शहरों के उपभोक्ता आज ज्यादा महत्वाकांक्षी हैं और जीवनशैली और अनुभवों पर ज्यादा खर्च कर रहे हैं। इसी वजह से इन बाजारों में रिटेल व्यापार असंगठित दुकानों से हटकर आधुनिक और सुव्यवस्थित जगहों की ओर बढ़ रहा है।"
रामा ग्रुप के डायरेक्टर प्रखर अग्रवाल बताते हैं कि कैसे रायपुर, विशाखापट्टनम और भुवनेश्वर जैसे शहर अब इस क्षेत्र के विकास के केंद्र में हैं। वे कहते हैं कि "जैसे-जैसे भारत का रिटेल रियल एस्टेट क्षेत्र महानगरों से आगे बढ़ रहा है, ये शहर प्रमुख विकास इंजन के रूप में उभर रहे हैं। बढ़ती उपभोक्ता आकांक्षाएं, बेहतर बुनियादी ढांचा और ब्रांडेड रिटेल और अवकाश अनुभवों की मांग इस बदलाव को गति दे रही है।"
कुशमैन एंड वेकफील्ड की 2025 की तीसरी तिमाही की रिपोर्ट के आंकड़े बताते हैं कि उभरते बाजारों में फैशन, खाद्य एवं पेय पदार्थ और मनोरंजन लीजिंग की गति में अग्रणी बने हुए हैं। ये क्षेत्र दर्शाते हैं कि उपभोक्ता किस तरह विशुद्ध रिटेल खर्च की तुलना में अनुभवों को प्राथमिकता दे रहे हैं।
ओसवाल समूह के चेयरमैन आदिश ओसवाल कहते हैं कि "भारत की रिटेल कहानी तेजी से बदल रही है, और कुछ सबसे मजबूत बदलाव अब टियर II शहरों से आ रहे हैं। लुधियाना, इंदौर, जयपुर और लखनऊ जैसे शहरों में आय में वृद्धि, बेहतर कनेक्टिविटी और आकांक्षाओं की एक नई भावना देखी जा रही है, ये सभी आधुनिक रिटेल और जीवनशैली स्थानों की वास्तविक मांग पैदा कर रहे हैं।"
डेवलपर्स, निवेशकों और ब्रांडों के लिए ये शहर नए दर्शकों तक पहुंचने, रिटेल अनुभवों में नवाचार करने और भारत के संगठित रिटेल विकास के अगले चरण में भाग लेने के रोमांचक अवसर प्रदान करते हैं। इस क्षेत्र का अगला अध्याय बहु-शहरी है, जो देश भर के उपभोक्ताओं की आकांक्षाओं और उभरते बाजारों में निवेशकों के विश्वास से प्रेरित है।