आज के समय में स्नैक्स और छोटे-छोटे प्लेट्स सिर्फ मेन्यू का एक हिस्सा नहीं रहे, बल्कि वे अब खाने के अनुभव का केंद्र बन गए हैं। लोग अब बड़ी भारी डिश के बजाय ऐसे विकल्प पसंद करते हैं, जिन्हें आसानी से शेयर किया जा सके, जल्दी खाया जा सके और जिनमें स्वाद की विविधता मिले।
क्यों बढ़ रही है स्नैक्स की मांग?
स्नैक्स रेस्टोरेंट्स को छोटे, सस्ते और कई तरह के विकल्प देने का मौका देते हैं। Bellona Hospitality के एमडी प्रशांत इस्सर बताते हैं कि आज कपल हो या सिंगल डाइनर लोग बड़ी 200 ग्राम प्रोटीन वाली एक डिश के बजाय 4-6 छोटी डिशेज़ पसंद करते हैं। इससे वे ज्यादा फ्लेवर आज़मा सकते हैं और कम भरावट के साथ मज़ा ले सकते हैं।
शेफ (Chef) चिराग मकवाना के मुताबिक, QSR और क्लाउड किचन इस ट्रेंड का फायदा उठा रहे हैं क्योंकि स्नैक्स जल्दी बनने, पैक होने और कहीं भी खाने में आसान होते हैं।
चारकोल कॉन्सेप्ट्स की शिखा नाथ कहती हैं कि छोटे प्लेट्स शेयरिंग और फ्लेक्सिबिलिटी चाहने वाले नए डाइनर्स के लिए बिल्कुल सही हैं।
मेन्यू डिज़ाइन पर असर
रेस्टोरेंट अब स्नैक्स में ग्लोबल और लोकल फ्लेवर मिलाकर नई-नई डिशेज़ बना रहे हैं।
इशारा (Ishaara) के इस्सर बताते हैं कि पहले जमाने में भी रॉयल परिवार छोटे-छोटे हिस्सों में कई तरह के खाने मंगवाता था ताकि फ्लेवर थकान (flavour fatigue) न हो।
बॉम्बे ब्रैसरी (Bombay Brasserie) में, छोटे प्लेट्स को खास कैटेगरी दी गई है ताकि लोग भारत के अलग-अलग राज्यों के स्वाद एक-एक बाइट में महसूस कर सकें।
डाइनिंग एक्सपीरियंस कैसे बदल रहा है?
छोटे प्लेट्स खाने को ज्यादा इंटरैक्टिव और मजेदार बनाते हैं। मकवाना (Makwana) कहते हैं कि स्नैक कल्चर के बढ़ने से QSR और क्लाउड किचन की डिमांड भी तेज़ बढ़ रही है।
नाथ के अनुसार लोग अब फिक्स्ड मील नहीं चाहते—वे खुद अपना भोजन सफर बनाना पसंद करते हैं, कई तरह के फ्लेवर एक साथ चखते हुए।
चुनौतियाँ भी कम नहीं
छोटे प्लेट्स बनाना आसान नहीं।
– ज्यादा वैरायटी होने से स्पीड और क्वालिटी बनाए रखना मुश्किल होता है।
– ताज़ा और स्थानीय सामग्री की सप्लाई भी चुनौती है।
– प्रस्तुति और स्वाद दोनों में लगातार एक जैसा अनुभव देना कठिन होता है।
इस्सर कहते हैं कि छोटे प्लेट्स दिखने में छोटे होते हैं, लेकिन उनका बनना ज्यादा जटिल होता है। गलत तरीके से बने फ्यूजन से डिश खराब भी हो सकती है।
बिज़नेस पर बड़ा असर
शहरों में छोटे प्लेट्स ने रेस्टोरेंट्स की कमाई बढ़ाई है। Bellona Hospitality में स्टार्टर और छोटे प्लेट्स कुल फूड सेल्स का 35–40% हिस्सा बनाते हैं। त्योहारों में स्नैक ऑर्डर 30–50% तक बढ़ जाते हैं।
नाथ बताती हैं कि उनके ब्रांड्स में snacks & bites कुल बिज़नेस का लगभग 50% हिस्सा बनाते हैं, ये बताता है कि आज लोग कई तरह की डिश ऑर्डर करके शेयर करना ज्यादा पसंद करते हैं।