एक ऐसे उद्योग में जहां नए कलाकार, फिल्टर और पहली छाप हावी रहती है, वहीं बॉलीवुड स्टार अनिल कपूर ने फिल्म जगत में बहुत नाम और शोहरत हासिल करने के बाद भी बेहद सादगी से अपनी लाइफ एंजॉय कर रहें हैं।
अपनी शानदार एक्टिंग से सबका दिल जीतने वाले बेहतरीन कलाकार अनिल कपूर का आज 69वां जन्मदिन है और वे हिंदी सिनेमा और जीवन दोनों में अपनी कला के लिए आज भी प्रासंगिक बने हुए हैं, क्योंकि वे अपने काम के माध्यम से लगातार ग्रोथ कर रहे हैं, हर नई फिल्म, हर नया दशक उन्हें उनके वास्तविक स्वरूप के करीब लाता है, यही लंबी उम्र का सार है, जो कभी किराए पर नहीं मिलती, बल्कि एक-एक फिल्म, एक-एक दशक के साथ निर्मित होती है इस प्रकार वे सभी को यह साबित करते हैं कि स्वयं को नए रूप में ढालना जीवन का एक चरण मात्र नहीं है, बल्कि एक दृष्टिकोण है।
बॉलीवुड लाइफ और युवावस्था का जश्न मनाने के लिए जाना जाता है, लेकिन अनिल कपूर ने एक अलग ही अंदाज अपनाया जिससे उन्हें एक अलग पहचान मिली।
अनिल कपूर की एक्टिंग में 'मशाल' का महत्वाकांक्षी किरदार, 'मिस्टर इंडिया' की मासूमियत, 'तेज़ाब' में माता-पिता को खोने का दर्द और 'लम्हे' के बहुआयामी किरदार शामिल हैं, जो लोगों के जीवन की जटिलताओं को दर्शाते हैं। उनके द्वारा निभाए गए पुरुष किरदारों में मौजूद वो धागे, चाहे वो आवेगपूर्ण हों, भावुक हों या संवेदनशील, दर्शकों के दिलों में फिल्म खत्म होने के बाद भी लंबे समय तक बसे रहते हैं।
अनिल कपूर न सिर्फ अपनी शानदार एक्टिंग के लिए बल्कि अपने करियर के फैसलों के समय के लिए भी अद्वितीय हैं। जहां उनके समकालीन कई अभिनेता या तो अपनी रफ्तार धीमी कर रहे थे या अपनी पिछली सफलताओं को याद कर रहे थे, वहीं कपूर ने उम्र को एक बाधा नहीं बल्कि एक अवसर के रूप में अपनाया, जिससे उन्हें 50 वर्ष की आयु के बाद अपनी व्यक्तिगत कहानी को आगे बढ़ाने का मौका मिला।
उन्होंने जो भूमिकाएं निभाईं, जिनमें 'दिल धड़कने दो' में एक जुनूनी पिता, '24' में एक उलझा हुआ खुफिया अधिकारी और 'जुग जुग जीयो' में एक बेबाक और सनकी दादा शामिल हैं, वे सिर्फ जवान दिखने के लिए नहीं थीं, बल्कि एक ऐसे अभिनेता का प्रतिबिंब थीं जो पेशेवर रूप से परिपक्व और अपने निर्णय लेने की क्षमता में आत्मविश्वास से भरपूर थे। आत्मविश्वास ही अनिल कपूर की असली पहचान है।
व्यावसायिक दृष्टिकोण से, अभिनेता ने 'प्रोडक्ट-मार्केट फिट' शब्द के प्रचलन में आने से पहले ही इसे पहचान लिया था। उन्हें दर्शकों की पसंद-नापसंद का ज्ञान था और वे समझ जाते थे कि दर्शक किस चीज़ से सहज हैं और आगे क्या चाहते हैं। फिर वे सही समय पर मंच पर आ जाते थे और खुद को फिर से सुर्खियों में लाते थे। उनके करियर के चुनाव यह दर्शाते हैं कि कैसे सफल व्यवसाय विकसित होते हैं, पुराने व्यावसायिक मॉडलों से बाहर निकलते हैं, अपने कौशल को उन्नत करते हैं और हर समय अपने ग्राहकों के साथ भावनात्मक जुड़ाव बनाए रखते हैं।
कपूरी की अपनी एक अनूठी शैली है। 69 साल की उम्र में भी वे जवान बने रहने के लिए कोई उपाय नहीं ढूंढ रहे हैं, बल्कि जीवन से भरपूर हैं! वे आत्मविश्वास से भरे रहते हैं, व्यायाम पर केंद्रित जीवनशैली अपनाकर अपनी फिटनेस के प्रति प्रतिबद्धता प्रदर्शित करते हैं और प्रचार गतिविधियों के दौरान हमेशा ऊर्जावान दिखाई देते हैं। इसका मतलब यह नहीं है कि वे उम्र को नजरअंदाज करते हैं, बल्कि यह उनकी कला और उस शरीर के प्रति सम्मान दर्शाता है जो इस कला को सहारा देता है। हम ऐसे दौर में जी रहे हैं जहां नायकों को जल्दी रिटायर करने की होड़ लगी रहती है। कपूरी यह उदाहरण पेश करते हैं कि “जब ऊर्जा किसी स्पष्ट उद्देश्य से प्रेरित होती है, तो उसकी कोई उम्र नहीं होती।“
इसके अलावा अभिनेता का सहयोगात्मक रवैया उन्हें दूसरों से अलग बनाता है। अनिल युवा अभिनेताओं के साथ काम करने या पारंपरिक सत्ताल संरचना में किसी भी बदलाव से घबराते नहीं हैं। बदलाव का विरोध करने के बजाय, वे उसे स्वीकार करते हैं और अन्य अभिनेताओं के साथ सहयोग करते हैं, कहानी कहने के नए और विकसित होते तरीकों को अपनाते हैं और ऐसी कहानियों का समर्थन करते हैं जो उनके इर्द-गिर्द विकसित होती हैं, न कि उन्हें कहानी का केंद्र बनाकर। यह विनम्रता दुर्लभ है, लेकिन साथ ही बहुत प्रभावशाली भी है।
अनिल कपूर ने अपने अभिनय करियर की शुरुआत से ही हमें कई अनमोल सबक सिखाए हैं, लेकिन उन्होंने यह भी साबित किया है कि लंबी उम्र होने का राज जिद्दी होने से नहीं, बल्कि शांत, खुश और एक्टिव होने से आता है। इससे पता चलता है कि सबसे लंबे समय तक चलने वाले करियर उन्हीं सिद्धांतों पर आधारित होते हैं जिन पर सबसे मजबूत ब्रांड बनते हैं: सुनना, सीखना और जरूरत पड़ने पर त्याग करना।
अपने 68वें जन्मदिन पर अनिल कपूर अब सिर्फ एक बॉलीवुड स्टार से कहीं अधिक हैं। उद्योग जगत में अपने वर्षों के अनुभव के कारण, उन्हें दृढ़ता के प्रतीक के रूप में देखा जा सकता है, क्योंकि उन्होंने यह साबित कर दिया है कि उद्योग जगत भले ही युवाओं को प्रायोरिटी देता हो, लेकिन यह भी दिखाया है कि उद्योग जगत उन लोगों को पुरस्कृत करता है जो शालीनता, साहस और अपने दम पर आगे बढ़ते हैं।
एंटरप्रेन्योर इंडिया बॉलीवुड के शानदार कलाकार अनिल कपूर को जन्मदिन की बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता है।