हेल्थकेयर पर केंद्रित प्राइवेट इक्विटी फर्म क्वाड्रिया कैपिटल ने नेफ्रोकेयर हेल्थ सर्विसेज लिमिटेड (नेफ्रोप्लस) में अपने निवेश से आंशिक निकासी (पार्शियल एग्ज़िट) की है। यह एग्ज़िट कंपनी के आईपीओ के बाद हुआ है और इसे क्वाड्रिया का अब तक का सबसे तेज़ वैल्यू क्रिएशन चक्र माना जा रहा है, जिसमें लगभग डेढ़ साल मे पूंजी वापस मिली है।
आधिकारिक बयान के अनुसार, नेफ्रोप्लस के शेयर ₹490 के इश्यू प्राइस पर करीब 7 प्रतिशत प्रीमियम के साथ सूचीबद्ध हुए, जिससे निवेशकों की मजबूत रुचि सामने आई। आईपीओ को कुल मिलाकर 14 गुना सब्सक्रिप्शन मिला, जबकि क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) का हिस्सा 27 गुना सब्सक्राइब हुआ। एंकर बुक में वैश्विक और घरेलू संस्थागत निवेशकों की भागीदारी रही।
यह क्वाड्रिया कैपिटल का पिछले दो वर्षों में भारत में तीसरा ओवरसब्सक्राइब्ड आईपीओ एग्ज़िट है और फंड-III से पहला एग्ज़िट भी है। इससे पहले फर्म ने अगस्त 2023 में कॉनकॉर्ड बायोटेक और अगस्त 2024 में अकुम्स से सफल निकासी की थी। इस लेनदेन के जरिए फंड-III के निवेशकों को फंड के फाइनल क्लोज के महज़ सात महीने बाद ही लिक्विडिटी मिली है।
वर्ष 2010 में स्थापित नेफ्रोप्लस एक पेशेंट-सेंट्रिक और एसेट-लाइट डायलिसिस मॉडल पर काम करती है। 30 सितंबर 2025 तक कंपनी के पास वैश्विक स्तर पर 328 शहरों में 519 क्लीनिक हैं, जिनमें भारत के बाहर 51 सेंटर शामिल हैं। भारत में यह नेटवर्क 21 राज्यों और चार केंद्र शासित प्रदेशों के 288 शहरों तक फैला हुआ है, जिसमें टियर-2 और टियर-3 शहरों की बड़ी हिस्सेदारी है। कंपनी हर साल 35,000 से अधिक मरीजों को सेवाएं देती है और वित्त वर्ष 2025 में 33 लाख से ज्यादा डायलिसिस ट्रीटमेंट किए गए।
क्वाड्रिया कैपिटल ने मई 2024 में नेफ्रोप्लस में निवेश किया था, ताकि एशिया और अन्य अंतरराष्ट्रीय बाजारों में विस्तार को समर्थन दिया जा सके। निवेश के बाद कंपनी ने 110 से अधिक नए सेंटर जोड़े, जीसीसी बाजार में प्रवेश किया, गवर्नेंस प्रैक्टिस को मजबूत किया और रणनीतिक साझेदारियों का विस्तार किया, साथ ही मरीजों के बेहतर स्वास्थ्य परिणामों पर फोकस बनाए रखा।
आईपीओ के बाद भी क्वाड्रिया कैपिटल लगभग 30 प्रतिशत फुली डायल्यूटेड हिस्सेदारी के साथ नेफ्रोप्लस की सबसे बड़ी शेयरधारक बनी रहेगी और आगे की ग्रोथ में कंपनी का समर्थन जारी रखेगी।
क्वाड्रिया कैपिटल के पार्टनर और इन्वेस्टमेंट कमेटी सदस्य सुनील ठाकुर ने कहा, “आईपीओ के जरिए की गई आंशिक बिक्री से हमें अपने निवेशकों के लिए वैल्यू क्रिस्टलाइज़ करने का मौका मिला है, जबकि हम नेफ्रोप्लस में एक मजबूत अल्पांश हिस्सेदारी बनाए रखेंगे। यह कंपनी की दीर्घकालिक ग्रोथ पर हमारे भरोसे को दर्शाता है।”