एसएमई लेंडिंग और कैश फ्लो मैनेजमेंट प्लेटफॉर्म CredFlow को भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) से नॉन-डिपॉज़िट टैकिंग (NBFC-ICC) का लाइसेंस मिल गया है। यह मंजूरी सिर्फ चार महीनों में मिली, जो इस श्रेणी में सबसे तेज़ स्वीकृतियों में से एक मानी जा रही है। नया एनबीएफसी समूह की इकाई Cashpositive Finance Pvt Ltd के माध्यम से CashFloat ब्रांड के तहत संचालित होगा और प्लेटफॉर्म ने लोन डिस्बर्समेंट भी शुरू कर दिया है।
कंपनी ने इसे डेटा-नेटिव NBFC कहा है, जो जीएसटी रिकॉर्ड, बैंकिंग डेटा, ERP सिस्टम और सप्लाई चेन नेटवर्क से मिले डीप डेटा का इस्तेमाल कर एमएसएमई—विशेषकर मैन्युफैक्चरर्स, ट्रेडर्स और डिस्ट्रीब्यूटर्स—को वर्किंग कैपिटल समाधान उपलब्ध कराएगा। CredFlow के पास पिछले चार वर्षों में बना एक विशाल डेटा नेटवर्क है, जो 800 बिलियन डॉलर से अधिक के GST-वेरिफाइड इनवॉइसेज़ को ट्रैक करता है और 60 लाख से अधिक व्यवसायों से जुड़ा है।
आरबीआई (RBI) लाइसेंस मिलने से कंपनी का तेजी से बढ़ता लेंडिंग बुक मजबूत होगा, जो इस वर्ष ₹100 करोड़ AUM तक पहुंचने की उम्मीद है। पहले CredFlow पार्टनर-ड्रिवन लेंडिंग मॉडल पर निर्भर था, लेकिन अब यह स्वतंत्र रूप से क्रेडिट अंडरराइट कर सकेगा, तेज़ अनुमोदन दे सकेगा और कस्टमाइज्ड क्रेडिट प्रोडक्ट्स बना सकेगा।
सीईओ कुनाल अग्रवाल ने कहा, “NBFC लाइसेंस के साथ हम हर भारतीय एसएमई को कैश-रिच बनाने के मिशन पर और तेज़ी से आगे बढ़ रहे हैं डेटा इंटेलिजेंस, स्ट्रक्चर्ड लेंडिंग और जिम्मेदार क्रेडिट मॉडल के माध्यम से।”
क्रेडफ़्लो (CredFlow) आगे चलकर पर्चेज इनवॉइस डिस्काउंटिंग, अनसिक्योर्ड/पार्शियली सिक्योर्ड टर्म लोन, मैन्युफैक्चरिंग एक्सपेंशन क्रेडिट, स्ट्रक्चर्ड SME फाइनेंस, बैंक गारंटी लिंक्ड फाइनेंसिंग और को-लेंडिंग प्रोग्राम्स जैसी सेवाएँ भी पेश करेगा। कंपनी का कैश फ्लो-लिंक्ड लेंडिंग मॉडल रियल-टाइम में लिमिट्स एडजस्ट करता है, जिससे व्यवसायों को तेजी और लचीलेपन के साथ फंडिंग मिल सके।