भारत में क्वांटम, AI और क्लीन टेक में बढ़ती विदेशी निवेश रुचि

भारत में क्वांटम, AI और क्लीन टेक में बढ़ती विदेशी निवेश रुचि

भारत में क्वांटम, AI और क्लीन टेक में बढ़ती विदेशी निवेश रुचि
यूरोपीय निवेशक DSA Holding ने भारत के क्वांटम और डीप टेक सेक्टर में 2 अरब डॉलर तक निवेश करने का इरादा जताया है, जिसका नेतृत्व इनोग्रेस वेंचर्स करेगी।

यूरोप की डीप टेक निवेश कंपनी DSA Holding AS ने भारत के उभरते क्वांटम और डीप टेक इकोसिस्टम में अधिकतम 2 अरब डॉलर निवेश करने के लिए इरादे का पत्र (LOI) पर हस्ताक्षर किए हैं। यह पहल Innogress Ventures(

(इनोग्रेस वेंचर्स)  के नेतृत्व में की जाएगी और देश के क्वांटम तकनीक क्षेत्र में अब तक की सबसे बड़ी निजी निवेश योजनाओं में से एक मानी जा रही है।

इस पर सहमति और समझौता ज्ञापन (MoU) पर 22 दिसंबर को नोएडा की JSS University में हस्ताक्षर किए गए। इस अवसर पर अकादमिक, उद्योग और यूरोपीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्य उपस्थित थे, जो इस सहयोग में व्यापक संस्थागत रुचि को दर्शाता है।

नॉर्वे स्थित DSA Holding और उसकी सहायक कंपनी Norwegian Green Solutions AS Innogress Ventures द्वारा संचालित परियोजनाओं का समर्थन करेंगे, जिनमें क्वांटम कंप्यूटिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स और एडवांस्ड डेटा इन्फ्रास्ट्रक्चर शामिल हैं। प्रमुख पहलों में Greater Karnavati Quantum Computing Technology Park, Greater Noida Robotics Technology Park और Indraprastha Quantum Data Center शामिल हैं।

इस निवेश का लाभ IIT गांधीनगर, JSS University नोएडा और संबंधित क्षेत्रों में काम कर रहे शुरुआती स्टेज डीप टेक स्टार्टअप्स को भी मिलेगा। साथ ही, Norwegian Green Solutions AS ने Innogress Ventures के साथ ग्रीन टेक्नोलॉजी पहल पर MoU पर हस्ताक्षर किए। इन पहलों का लक्ष्य डेटा सेंटर और टेक्नोलॉजी पार्क्स के लिए नवीनीकृत ऊर्जा समाधान तैयार करना है, ताकि डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास को सतत ऊर्जा प्रणालियों के साथ जोड़ा जा सके।

हस्ताक्षर समारोह में DSA Holding और Norwegian Green Solutions के प्रतिनिधियों ने भारत में क्वांटम, AI और क्लीन टेक्नोलॉजी समाधान की बढ़ती मांग पर प्रकाश डाला और देश की क्षमता को घरेलू और वैश्विक बाजारों के लिए उन्नत तकनीकों को स्केल करने में सक्षम बताया।

इनोग्रेस वेंचर्स (Innogress) के संस्थापक सुमंत परीमल ने भारत के डीप टेक सेक्टर में विदेशी पूंजी की आवश्यकता पर जोर दिया, noting कि घरेलू फंडिंग सीमित है, हालांकि पूरे इकोसिस्टम में नवाचार की गति मजबूत है।

 

 

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