Tagbin ने AI और इमर्सिव टेक्नोलॉजी के लिए जुटाई फंडिंग

Tagbin ने AI और इमर्सिव टेक्नोलॉजी के लिए जुटाई फंडिंग

Tagbin ने AI और इमर्सिव टेक्नोलॉजी के लिए जुटाई फंडिंग
टेक कंपनी टैगबिन ने 10 मिलियन डॉलर की फंडिंग जुटाई है, जिसका उपयोग AI सेवाओं के विस्तार और 2027 में आईपीओ की तैयारी के लिए किया जाएगा।

एक्सपीरिएंशियल टेक्नोलॉजी कंपनी टैगबिन (Tagbin) ने हाल ही में 10 मिलियन अमेरिकी डॉलर की फंडिंग जुटाई है। इस राउंड में SageOne Flagship Growth OE Fund, निवेशक रमेश दमानी, ज्योतिवर्धन सोनथालिया, संजय कौल और कर्ल-ऑन ग्रुप ने भाग लिया। कंपनी इस फंड का उपयोग आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित सेवाओं के विस्तार और 2027 में संभावित आईपीओ की तैयारी के लिए करेगी।

वर्ष 2013 में सौरव भाइक और अंकित सिन्हा द्वारा स्थापित Tagbin, म्यूज़ियम और सार्वजनिक स्थानों के लिए इमर्सिव टेक्नोलॉजी अनुभव बनाने में विशेषज्ञ है। कंपनी ने प्रधानमंत्री संग्राहालय और अन्य इंटरैक्टिव प्रदर्शनी प्रोजेक्ट्स पर काम किया है, जिसमें ऑगमेंटेड रियलिटी (AR), वर्चुअल रियलिटी (VR) और AI का उपयोग करके आगंतुकों को आकर्षित किया जाता है। इसके अलावा, Tagbin सरकारी विभागों के लिए AI-आधारित प्लेटफॉर्म भी विकसित करता है, जो डेटा प्रबंधन, ऑपरेशन मॉनिटरिंग और निर्णय लेने में मदद करता है।

टैगबिन (Tagbin) के सीईओ सौरव भाइक ने बताया कि कंपनी ने पिछले वर्ष 100 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व रिकॉर्ड किया, जिसमें 60 प्रतिशत क्रिएटिव टेक्नोलॉजी प्रोजेक्ट्स और 40 प्रतिशत AI-आधारित कार्य से आया। उन्होंने कहा कि इस वर्ष कंपनी का लक्ष्य 200 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व प्राप्त करना है, और कंपनी ने इसका लगभग 70 प्रतिशत लक्ष्य पहले ही हासिल कर लिया है।

कंपनी ने नीति आयोग के साथ मिलकर एक AI-पावर्ड निर्णय मॉडल विकसित किया है, जो मंत्रालयों के बड़े डेटा सेट का विश्लेषण करके नीति निर्माताओं को सहायक बनाता है। बिहार, तेलंगाना और तमिलनाडु सहित कई राज्य सरकारें टैगबिन के प्लेटफॉर्म का उपयोग नीति योजना और इनसाइट्स के लिए कर रही हैं। वर्तमान में कंपनी 25 सक्रिय प्रोजेक्ट्स का प्रबंधन कर रही है, जिसमें SME और सरकारी विभाग शामिल हैं।

भाइक ने बताया कि सरकार में AI समाधानों के लिए सबसे बड़ी चुनौती डेटा का अलग-अलग सिलो में होना है। नीति आयोग के साथ सहयोग ने एक एकीकृत डेटा लेयर तैयार करने में मदद की, जिससे डेटा पर इंटेलिजेंस का निर्माण संभव हुआ।

कंपनी दिल्ली और गोवा पुलिस के साथ प्रेडिक्टिव पोलिसिंग पायलट भी चला रही है, जिसमें AI सिस्टम ऐतिहासिक अपराध डेटा का विश्लेषण करके पैटर्न और संभावित जोखिम पहचानता है। भाइक ने कहा कि जबकि म्यूज़ियम और अनुभव केंद्र आमतौर पर एक बार के बड़े प्रोजेक्ट्स होते हैं, AI डिप्लॉयमेंट में वार्षिक लाइसेंसिंग और मेंटेनेंस फीस आती है, जो रिकरिंग राजस्व में योगदान देती है।

हाल ही में जुटाई गई फंडिंग का उपयोग उन सरकारी प्रोजेक्ट्स को समर्थन देने के लिए किया जाएगा, जिन्हें बड़े वर्किंग कैपिटल और प्रदर्शन गारंटी की आवश्यकता होती है। इसके अलावा, Tagbin अपने एंटरप्राइज SaaS प्रोडक्ट Workly का विस्तार करने की योजना बना रही है, जो व्यवसायों के लिए कम्युनिकेशन, प्लानिंग और AI एजेंट्स को एकीकृत करता है।

 

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