केरल भारत का पहला राज्य बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है, जो राष्ट्रीय राजमार्ग-66 (NH-66) पर राज्य-नेतृत्व वाला इलेक्ट्रिक ट्रक कॉरिडोर स्थापित करेगा। यह मार्ग राज्य में बंदरगाहों और औद्योगिक क्षेत्रों से जुड़े भारी माल परिवहन के लिए बेहद अहम माना जाता है।
इसी कड़ी में केरल स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड लिमिटेड (KSEBL) और इंटरनेशनल काउंसिल ऑन क्लीन ट्रांसपोर्टेशन (ICCT) ने एक उच्चस्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया, जिसमें सरकारी अधिकारी, बिजली उपयोगिताएं, इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता और लॉजिस्टिक्स कंपनियां शामिल हुईं। इस कार्यशाला का उद्देश्य राज्य के लिए इलेक्ट्रिक फ्रेट रोडमैप तैयार करना था।
कार्यक्रम के दौरान बिजली मंत्री के. कृष्णनकुट्टी ने PM E-DRIVE योजना के तहत निजी भूमि पर चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के क्रियान्वयन को आसान बनाने के लिए एक वेब पोर्टल लॉन्च किया। यह पोर्टल योग्य चार्ज प्वाइंट ऑपरेटर्स को कैटेगरी-C मानकों के अनुरूप निजी भूमि पंजीकृत करने की सुविधा देगा, जिससे चार्जिंग स्टेशनों के लिए भूमि एकत्र करना आसान होगा।
PM E-DRIVE योजना के तहत केंद्र सरकार ने देशभर में राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों पर इलेक्ट्रिक ट्रक और बसों के लिए चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने हेतु ₹2,000 करोड़ का प्रावधान किया है। केरल इस दिशा में पहले ही पहल कर चुका है और मंत्रालय को भूमि प्रस्ताव भेजने वाले शुरुआती राज्यों में शामिल रहा है।
NH-66 केरल का प्रमुख फ्रेट कॉरिडोर है, जहां से औद्योगिक सामान, बंदरगाही कार्गो और निर्माण सामग्री का परिवहन होता है। विजिंजम पोर्ट के विस्तार और तटीय औद्योगिक गतिविधियों के बढ़ने से इस मार्ग पर माल ढुलाई और बढ़ने की उम्मीद है। ऐसे में ट्रकों का विद्युतीकरण प्रदूषण कम करने, लागत घटाने और राज्य के निर्यात-आधारित उद्योगों की प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने में मदद करेगा।
केरल स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड लिमिटेड के चेयरमैन मिनहाज आलम ने कहा कि बोर्ड की जिम्मेदारी राष्ट्रीय योजना को एक भरोसेमंद और स्केलेबल चार्जिंग इकोसिस्टम में बदलने की है। वहीं, वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि 120 किलोवॉट और 240 किलोवॉट की हाई-कैपेसिटी चार्जिंग प्रणालियों पर विशेष जोर दिया जाएगा।
इस पहल के ज़रिये केरल देश में कॉरिडोर-आधारित इलेक्ट्रिक फ्रेट ट्रांजिशन के लिए एक मिसाल कायम करने की तैयारी में है, जो स्वच्छ मोबिलिटी और टिकाऊ परिवहन की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है।