उत्तर प्रदेश के स्वच्छ ऊर्जा और औद्योगिक विकास एजेंडे को नई गति मिल रही है। इस दिशा में मुख्यमंत्री और टाटा समूह के नेतृत्व के बीच हुई समीक्षा बैठक में बिजली उत्पादन, नवीकरणीय ऊर्जा, इलेक्ट्रिक मोबिलिटी और इन्फ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी प्रमुख परियोजनाओं की प्रगति पर चर्चा की गई।
राज्य में सक्रिय परियोजनाओं में प्रयागराज स्थित 1,900 मेगावाट की बारा थर्मल पावर प्लांट प्रमुख है, जो 360×3 कॉन्फ़िगरेशन में संचालित हो रही है और राज्य की ऊर्जा स्थिरता तथा औद्योगिक आवश्यकताओं का मजबूत आधार बनी हुई है। इसके साथ ही टाटा समूह ने बुंदेलखंड और प्रयागराज में दो 50 मेगावाट के सोलर पावर प्लांट विकसित किए जाने की पुष्टि की, जिससे उत्तर प्रदेश की नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को और मजबूती मिलेगी।
इसके अलावा, राज्य के 75 में से 50 जिलों में रूफटॉप सोलर सॉल्यूशंस का विस्तार किया जा रहा है, जिससे विकेंद्रीकृत स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा और ऊर्जा आत्मनिर्भरता को समर्थन मिलेगा। नोएडा में चार से पांच नए टाटा भवनों का निर्माण भी प्रगति पर है, जिन्हें चरणबद्ध तरीके से दिसंबर 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इससे नोएडा एक प्रमुख कॉर्पोरेट और व्यावसायिक केंद्र के रूप में और सशक्त होगा।
उत्तर प्रदेश की ईवी सब्सिडी नीति के अनुरूप, टाटा संस द्वारा राज्य में वाहन निर्माण क्षमताओं के विस्तार पर भी चर्चा हुई। इसमें उत्तर प्रदेश में समर्पित इलेक्ट्रिक वाहन निर्माण इकाइयों की संभावनाओं, नए ईवी मॉडल्स के लॉन्च, इलेक्ट्रिक बसों की तैनाती और व्यापक ईवी इकोसिस्टम के विकास से जुड़े अवसरों की समीक्षा की गई।
बैठक में उत्तर प्रदेश के रक्षा निर्माण (डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग) इकोसिस्टम के साथ निरंतर सहयोग को भी दोहराया गया, खासकर प्रमुख रक्षा औद्योगिक नोड्स में, जिससे तकनीकी क्षमता, विनिर्माण गहराई और औद्योगिक विविधीकरण को बढ़ावा मिलेगा।
कुल मिलाकर, इन चर्चाओं ने उत्तर प्रदेश के समेकित विकास मॉडल को रेखांकित किया, जहां स्वच्छ ऊर्जा विस्तार, औद्योगिक विकास और बुनियादी ढांचे का निर्माण समानांतर रूप से आगे बढ़ रहा है, और राज्य को एक मजबूत, टिकाऊ और भविष्य के लिए तैयार आर्थिक शक्ति के रूप में स्थापित कर रहा है।