भारत के छोटे शहरों और गांवों में महिलाएं अब डिजिटल और वित्तीय सेवाओं की पहुंच बढ़ाने में अहम भूमिका निभा रही हैं। जो महिलाएं पहले घरेलू जिम्मेदारियों तक सीमित थीं, वे अब अपने समुदायों में स्थानीय सेवा प्रदाता और आय अर्जक के रूप में उभर रही हैं। इस बदलाव में महाराष्ट्र अग्रणी राज्य बनकर सामने आया है, जहां 22.69 लाख महिलाओं ने लखपति दीदी का दर्जा हासिल कर टिकाऊ आजीविका बनाई है।
इसी गति को आगे बढ़ाते हुए, PayNearby ने अपने Digital Naari कार्यक्रम के तहत अगले 6 महीनों में महाराष्ट्र से 50,000 ग्रामीण महिला उद्यमियों को जोड़ने की योजना की घोषणा की है। इस पहल का उद्देश्य महिलाओं को जमीनी स्तर पर जरूरी डिजिटल और वित्तीय सेवाएं प्रदान करने में सक्षम बनाकर उनके लिए नए आय के अवसर पैदा करना है।
डिजिटल नारी कार्यक्रम राष्ट्रीय स्तर पर चल रही लखपति दीदी पहल के अनुरूप है, जिसका लक्ष्य महिलाओं को सालाना ₹1 लाख से अधिक कमाने और अपने समुदायों में आर्थिक नेतृत्व करने में सक्षम बनाना है। इस मॉडल के तहत बैंकर दीदी अपने घर या छोटी दुकानों से बैंकिंग, पेमेंट्स, बीमा, क्रेडिट, म्यूचुअल फंड, बिल पेमेंट और मोबाइल रिचार्ज जैसी सेवाएं प्रदान करती हैं। हर लेन-देन पर मिलने वाला कमीशन महिलाओं के लिए नियमित आय का स्रोत बनता है, साथ ही आसपास के क्षेत्रों को भरोसेमंद सेवाएं भी मिलती हैं।
PayNearby की सीएमओ और डिजिटल नारी प्रोग्राम डायरेक्टर जयंती दासगुप्ता ने कहा, “डिजिटल नारी मॉडल शुरुआत से ही आत्मनिर्भरता पर आधारित है। यह फिजिटल और डिमांड-ड्रिवन है, जहां महिलाएं साल भर परिवारों की जरूरी सेवाएं उपलब्ध कराती हैं, जिससे यह मॉडल आसानी से स्केल हो पाता है।”
कंपनी के अनुसार, प्लेटफॉर्म से जुड़ी डिजिटल नारियां सालाना ₹10,000 करोड़ से अधिक के ट्रांजैक्शन संचालित करती हैं। इनमें से 60 प्रतिशत से अधिक महिलाएं पहली बार उद्यमिता की दुनिया में कदम रख रही हैं और औसतन ₹3,500 से ₹5,000 प्रति माह की आय अर्जित कर रही हैं।
आने वाले तीन वर्षों में PayNearby का लक्ष्य देशभर में 10 लाख महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ना और इस महिला-नेतृत्व वाले नेटवर्क के जरिए 10 करोड़ से अधिक परिवारों तक डिजिटल और वित्तीय सेवाओं की पहुंच सुनिश्चित करना है।